
आज तकलीफ कुछ ज्यादा ही हो रही है इतनी कि रोते -रोते गला भर आया है। अब आंशू रुक नही रहे । अपनी आवाज को लाख दबाने की कोशिश की मगर नही दब रही थी और में फफक कर रो पड़ी। हाथ में ब्लेड लिए 1 घंटे से बाथरूम में बैठी थी। उस एक घंटे में न जाने कितने दृश्य आँखों के सामने से गुजर चुके थे। वो पहली मुलाकात फिर रोज कोचिंग के पहले मिलना । एकदूसरे से लड़ना। एक ही प्लेट में खाना खाना। उसकी गोद में सर रखकर सोना। प्रेम के उस दौर में जब प्रेम परवान पर था तुमने हमारी मर्यादा का हमेसा मान रखा। वो प्रेम जो पाक था वो प्रेम आँखों के सामने बार-बार आ रहा था। बाबजूद इतने प्यार के तुम छोड़ कर चले गए। और कह दिया कि प्यार तो कभी था ही नही। ये सब यकीं करने वाला नही है मेरे लिए । मेने प्रेम देखा था तुम्हारी आँखों में असीम प्रेम । वो झूठ हो ही नही सकता। बस यही ख्याल बार -बार दिमाग में आ रहे थे । पर आज जब यकीं हो चला तुम कभी वापस आओगे नही तो मेरा जीना व्यर्थ है। यही सोचकर ब्लेड की धार को कलाई पर रगड़ा और ब्लेड के लगते ही खून की कुछ बूंदें छलक कर नीचे गिर गयीं । तभी माँ ने आवाज दी कहा है खुसी एक घंटे से ढूंढ रही बाथरूम में क्या कर रही है। माँ बस आयी रुको, आंसुओं को पोंछकर हिम्मत करके कलाई पर रुमाल बाँध कर बाहर आई। निकलते ही माँ चिल्लाना सुरु हो गयी । और में उनको पकड़कर रोने लगी इतनी तेज़ की उनकी भी आँखों से आंसू बहने लगे। वो बार-बार पूछ रही थी -क्या हुआ मेरी बच्ची पर में कुछ बोलने की हालत में न थी। उन्होंने मुझे अपनी गोद में लिटाया और बहुत देर तक चुप कराती रही। में चुपचाप यु ही पड़ी रही मनो मर चुकी हूं। जाने किस पल मेरी आँख लग गयी पता नही पर जब आँख खुली माँ मेरा सर सहला रही थी । में उठकर बैठ गयी माँ पूछने लगी बेटा हुआ क्या है बताओ । और मैने माँ को सारी बात बता दी और फफक कर रोने लगी । माँ ने गले से लगाकर बोला मेरी प्यारी बच्ची तुम ये क्या करने जा रही थीं । क्या उस एक इंसान से तुम्हारी जिंदगी सुरु हुई थी नहीं फिर तुम एक इंसान के लिए मर कैसे सकती हो । माँ ने मुझे पुनर्जन्म दे दिया । और में माँ के क़दमो में सर रखकर रोने लगी ।
उन्होंने मुझको उठाकर बोला बेटा मरते कायर हैं और तुम कायर नहीं हो । जो तुमको छोड़ गया वो तुम्हारा प्रेम नहीं । जो छोड़ जाये वो प्रेम हो ही नही सकता ।
माँ की दी यही सीख वजह है जो में आज जिन्दा हूँ शुक्रिया माँ मुझे पुनर्जन्म देने के लिए।
और हाँ दोस्तों एक बात हमेसा याद रखना -
"जब किसी एक इंसान से जिंदगी शुरू नही होती तो उस एक इंसान पर जिंदगी ख़त्म भी नही हो सकती"
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