बाते काम की !!!

               


                इस संसार में....
           सबसे बड़ी सम्पत्ति "बुद्धि "
           सबसे अच्छा हथियार "धेर्य"
        ऐसा नहीं है कि" दुःख" बढ़ गए है
           बल्कि "सच्चाई" यह है कि
          "सहनशीलता" कम हो गयी है
            जिसको" सहना" आ गया
            उसको" रहना" आ गया """
         सबसे अच्छी सुरक्षा "विश्वास"
           सबसे बढ़िया दवा "हँसी"
           और आश्चर्य की बात कि
            "ये सब निशुल्क हैं "
 
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शुक्र है हँसी बाजार में नही बिकती
वरना लोग गरीबो से
यह भी छीन लेते....!!!
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   जिंदगी का रास्ता कभी बना- बनाया
              नही मिलता है ,
        स्वयं को बनाना पड़ता है ,
         जिसने जैसा मार्ग बनाया
                      उसे
        वैसी ही मंजिल मिलती है..!
           
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जरुर कोई तो लिखता होगा...
कागज और पत्थर का भी
नसीब...
वरना ये मुमकिन नहीं की,कोई पत्थर ठोकर खाये
और कोई पत्थर भगवान् बन जाये....
और कोई कागज़ रद्दी और कोई कागज़
गीता बन जाये ...
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व्यक्ति के पास कितना भी वैभव, धन और शक्ति का भंडार क्यों न हो, उसका अंतिम मूल्यांकन उसका अपना चरित्र ही होता है |
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"समय" "सत्ता" "संपत्ति"
और "शरीर"
चाहे साथ दे ना दे,
लेकिन.....
"स्वभाव" "समझदारी"
और "सच्चे संबंध"
हमेशा साथ देते हैं...!!!!
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“मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु
उसकी परछाई सदैव काली होती है…!!
“मैं श्रेष्ठ हूँ” यह आत्मविश्वास है लेकिन….
“सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ” यह अहंकार है !
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जिंदगी मजदूरी करते हुई गुजर रही है..!!   और  
लोग "सर " कहकर ताने मार रहे हैं..!
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          *बहुत सुन्दर पंक्ति*
        *जो मुस्कुरा रहा है,*
       *उसे  दर्द  ने  पाला  होगा...,*
           *जो  चल  रहा  है,*
  *उसके  पाँव  में  छाला  होगा...,*
          *बिना संघर्ष के इन्सान*
      *चमक नहीं सकता,  यारों...,*
       *जो जलेगा उसी दिये में तो,*
              *उजाला होगा...।*
     *उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,*
*नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है*
        

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